कॉलोनियों में कोई आपका मकान नहीं छीन रहा। किसी को बेघर नहीं किया जा रहा

लेकिन आपको मालिकाना हक़ भी नहीं मिल रहा, और न ही कोई नेता दिलवा सकता है।सिर्फ़ भ्रम और झूठ फैलाया जा रहा है।

मैंने एस्टेट ऑफिस के दिनांक 30.07.2025 के उस पत्र को ध्यान से पढ़ा है, जो श्री अखिल को उनकी शिकायतों के उत्तर में भेजा गया है।
यह पत्र दिनांक 30.07.2025 पूरी तरह सही है और बिल्कुल उसी चर्चा व सुझावों के अनुरूप है, जो हमने उस समय के डिप्टी कमिश्नर श्री विनय प्रताप सिंह जी को दिए थे।

यह सर्वे भी हमारी पहल पर डीसी साहब ने शुरू करवाया था, जिसे शुरुआत में राजनीतिक दलों और कॉलोनी निवासियों ने विरोध किया।
लेकिन जब उन्हें समझाया गया कि यह सर्वे इसलिए किया जा रहा है ताकि यह पता चले कि कितने लोगों ने ये मकान मूल अलॉटियों से खरीदे या लिए हैं, जिससे एक ऐसी योजना बने कि एकमुश्त राशि लेकर और किराया संशोधित करके इन अवैध कब्जाधारकों के नाम tenancy ट्रांसफर की जा सके—तो बात स्पष्ट हो गई।

इस पत्र में दिए गए सभी सुझाव बिल्कुल इसी सोच के अनुरूप हैं। इसमें कहीं भी कानूनी वारिसों या वर्तमान निवासियों को बेदखल करने की बात नहीं है।
बल्कि अवैध कब्जाधारकों की tenancy को नियमित करने की बात की गई है।

इसलिए किसी भी राजनीतिक दल या नेता द्वारा इस पत्र का विरोध करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
30.07.2025 के पत्र पर बिना वजह शोर मचाया जा रहा है, जबकि वास्तव में इस कदम का सभी को स्वागत करना चाहिए।

मैं इस पत्र पर विस्तार से चर्चा करने के लिए किसी के भी साथ पूरी तरह तैयार हूँ।
यह पहल हमने ही डीसी साहब के साथ शुरू की थी, जब सेक्टर 25 कॉलोनी और रामदरबार में कुछ मकान सील हुए थे।

हमारी डीसी साहिब को दी गई मुख्य सिफारिशें थीं:
1. वर्तमान अवैध कब्जाधारकों से एकमुश्त राशि—कहें तो मौजूदा कलेक्टर रेट का 20% या 25%—वसूलकर उन्हें नई tenancy जारी की जाए।
2. इन मकानों के मौजूदा कलेक्टर रेट का 2% वार्षिक किराया तय किया जाए, जिसमें हर साल 5% वृद्धि की अनिवार्य शर्त हो।

Please follow and like us:
Pin Share
YouTube
Pinterest
LinkedIn
Share