शालीमार ग्राउंड, सैक्टर-5, पंचकुला में आदर्श रामलीला द्वारा 45वें वर्ष की राम की लीला का दसवें दिवस का मंचन किया गया। मंगलवार रात्रि अंगद, रावण को युद्ध का ऐलान कर रामा दल में लौट आए । रावण की ओर से मेघनाथ तथा श्री राम की ओर से लक्ष्मण ने आज युद्ध का संचालन किया । मेघनाथ एवं लक्ष्मण के बीच घोर संग्राम हुए और मेघनाथ ने अपनी मायावी शक्ति से लक्ष्मण जी को मूर्छित कर दिया । लक्ष्मण जी की ऐसी अवस्था को देख कर श्री राम जी व्याकुल हो उठे और व्यकुलता को देख पंडाल में आई भारी भीड़ भाव विभोर हो गई । लक्ष्मण जी की प्राणों की रक्षा हेतु, सुसैन वैद को लंका से हनुमान जी उठा लिए और वैद जी के कहने पर हनुमान जी संजीवनी बूटी ले आए और लक्ष्मण जी पुनः जीवित हो उठे । लंका के महल में रावण ने भाई कुंभकर्ण को उठाया और युद्ध के लिए भेजा । युद्ध के मैदान में कुंभकर्ण और विभीषण का आमना सामना हुआ और दोनो एक दूसरे को अपनी अपनी विवशता समझते नजर आए । श्री राम जी द्वारा कुंभकर्ण का वध कर दिया गया । कुंभकर्ण के मरणोपरांत, रावण ने मेघनाथ को युद्ध के लिए भेजा और इस बार लक्ष्मण ने मेघनाथ पर विजय प्राप्त की ।
आज के मुख्य कलाकारों में राम का सौरभ शर्मा, लक्ष्मण का राहुल चौहान, रावण का रोल रोबिन सक्सेना, हनुमान का गौतम शर्मा, कुंभकर्ण का अभिजीत, मेघनाथ का शंकर दत्ता, विभीषण का कृष्ण चौहान ने बखूबी निभाया।
क्लब के उपाध्यक्ष श्री सुभाष पपनेजा जी बताया कि 1 अक्टूबर को रामलीला की अंतिम रात्रि होगी, इस दिन कई ऐसे दृश्य दिखाए जाएंगे जो किसी और रामलीला में देखने को नहीं मिलते। रावण-रामचंडी संवाद क्लब के कई बहतरीन दृश्यों में से एक है।
